Wednesday, March 20, 2013

भीष्म पितामह


भीष्म पितामह ...... मैंने अक्सर उनके करीबी और परिवार के सदस्यों को उनको इस नाम से पुकारते हुए सुना है ....वह शख्स इस परिवार का सबसे बड़ा पुत्र था।। नहीं वोह शक्श इस परिवार का सबसे बड़ा और माननीय था है और रहेगा, परिवार का हर सदस्य उनकी बहुत इज्ज़त और प्यार करता है ...।। वो इस परिवार के भीष्म पितामह थे है और हमेशा रहेंगे।। 6 फुट कद, भारी शरीर चौड़ा माथा आँखों में तेज़, चतुर और दिल को लुभा लेने वाली बातें, सफारी सूट में बहुत जचते है।। सिर्फ उम्र में बड़े नहीं थे, हर तरह से बड़े होने का फ़र्ज़ निभाते थे, परिवार के हर सदस्य की चिंता करते थे और हमेशा उनके साथ होते थे, एक गार्ड की तरह।।।। उनका परिवार के प्रति स्नेह, प्यार और अपनापन देख के ही हम सब बड़े हुए है .... अपने प्यार, अपनेपन से और सूझ भुज से ही इस परिवार को संभालते आये है ....एक करके रखे हुए थे।।। परिवार के छोटे बड़े अच्छे खट्टे सभी तरह के वाद विवाद को वो ही सुलझाया करते थे।। अपने भाइयो से बड़ा प्रेम करते थे, और हमेशा उनके लिए सबसे लड़ते थे कई बार बुरे भी बनते थे, पर कभी शिकायत नहीं करते थे।।। अपनी बहनों के प्रति बड़ा स्नेह था, बहनों के विवाह से लेकर उनके विवाह के इतने सालो बाद भी उनका मान सम्मान करते थे, राखी हो या दिवाली हमेशा बहनों को सबसे पहले बधाई देने खुद जाते थे।।। उस शख्स ने बहुत बुरा वक्त भी देखा और अच्छा वक्त भी देखा .. पर हमेशा परिवार के साथ रहे और हर वक़्त उनका साथ पूरी श्रधा से निभाया उनकी सहयोगी उनकी पत्नी ने वो भी उन्ही की तरह इस परिवार की बड़ी है और प्रिय है उनकी पत्नी ने उनका हर समय साथ दिया उनके परिवार को पूरा किया।। परिवार का छोटा या बड़ा सदस्य सबके साथ घुल मिल जाते थे।।। बच्चो के साथ बच्चे बन जाते थे और बड़ो के साथ बड़े।। ... परिवार मे मनाये जाने वाले हर उत्सव की जान थे। हर उत्सव में चार चाँद लगा देते थे।। ... हर कोई सिर्फ उनसे ही सुनने को उत्साहित रहता था। फिर या तोह वोह गाना सुनाये या कोई चुटकुला।। हर किसी के दुःख को शायद अपना समझते थे इसलिए ही उन्हें दिल की बिमारी थी ... दिल थोडा कमजोर हो गया था, पर रहते हमेशा चुस्त थे।। और आज अचानक उनका दिल रुक गया, मानो जैसे परिवार ही रुक गया हो।। परिवार का गार्ड परिवार का सबसे बड़ा सदस्य परिवार का सबसे प्रिय सदस्य परिवार में सबका मान रखने वाला सदस्य आज परिवार को अकेला कर गया।। परिवार का भीष्म पितामह चला गया, मानो जैसे परिवार की रौनक ही चली गयी, जैसे घर की छत गिर गयी .... हर शख्स की आँखों में आज नमी है ... और सम्मान है उस शख्स के लिए।। और इस आसमान से गिरती हुई बूंदों के बारे में क्या कहू कुछ बादल भी शायद रो पड़े है यह देख के।।।। वो शख्स हमेशा हमारे दिल में रहेगा और हमये याद दिलाता रहेगा की परिवार को एक धागे में पिरो के रखना है।। वो हम्हे हमेशा आगे और सही रास्तो पे चलने की प्रेरणा देता रहेगा। हम सबको आपकी बहुत याद आएगी :( :( : : :